हॉं मैं जड़ हूं…
हॉं मैं जड़ हूं… हॉं मैं जड़ हूं…चेतन को जन्म देने वाली, हॉं मैं जड़ हूं….समस्त भार उठाने वाली मैं अवयक्ता मैं परिपक्ववता मैं अल्हड़ता मैं समत्वता, मैं जीवनदायनी मैं मुक्तिवाहनी मैं अचल मैं अटल नाम की होड़ में मैं नहीं कहीं ,काम की दौड़ मे मैं हर कहीं क्या मिला क्या खो दिया बही … Read more